tag:blogger.com,1999:blog-2567516379688439834.post9169380509505171894..comments2023-08-08T04:44:27.671-07:00Comments on दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़: मैं क्यों लिखता हूँ? (दूसरा भाग)Dinesh Dadhichihttp://www.blogger.com/profile/09576306239825711925noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2567516379688439834.post-19011531151716563862009-02-23T23:11:00.000-08:002009-02-23T23:11:00.000-08:00ये जानकर बहुत खुशी हुई कि आप लिखते क्यों हैं? क्यो...ये जानकर बहुत खुशी हुई कि आप लिखते क्यों हैं? क्योंकि आज बहुत कम लोग ये जानते हैं कि वे लिखते क्यों हैं? तेजी से बदलते वक़्त के साथ संवेदनाओं और चीजों के मूल को समझने का माद्दा आज कि पीढ़ी खोती जा रही है...जो चमक रहा है वही सोना है. और इनके लिए आसपास सब हराभरा है ....ना इन्हें कोई तकलीफ है ना कोई शिकायत....जुल्म और शोषण पर प्रतिरोध के स्वर के स्थान पर अजीब सी शिथिलता छा रही है....अच्छा है आप उन्हें जगा रहे हैं. उम्मीद है बर्फ जरुर पिघलेगी.SAURABH ARYAhttps://www.blogger.com/profile/05883071223186949747noreply@blogger.com