दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
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सोमवार, 6 जून 2011
रक्तबीज हिंसा के सैलाब में
इस रक्तबीज हिंसा के सैलाब में
डूबते-उतराते
तेज़ी से विस्मृत होते जाते
शब्दों के बीच
मानव-सभ्यता के सारे अवशेष
पूरी तरह मिट जाएँ ---
इस से पहले
शब्दों के बीज अगर
रखने हैं सुरक्षित तो
एक ही तरीका है ---
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