गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

लोगों का हित नहीं किसी को याद रहा है....

लोगों का हित नहीं किसी को याद रहा है
बेमतलब बातों पर खूब विवाद रहा है.

पैर तले कुचला यह अपनेपन का जज़्बा
यही हमारे चिंतन की बुनियाद रहा है.

जिनके बीज यहाँ पर दुश्मन ने बोये थे,
मनमुटाव उन विष-बेलों की खाद रहा है.

चुपके-चुपके तेरी सुख की नींद चुरा कर

कोई अपने सपने तुझ पर लाद रहा है.  

रविवार, 13 अप्रैल 2014

कथनी-करनी

पहले हमें शिकायत रहती थी कि नेता अच्छी बातें बोलते हैं लेकिन उन पर आचरण नहीं करते। 

अब समस्या यह है कि वे अच्छी बातें बोलना भी भूल गये हैं। 

इतना ज़रूर है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर अब नहीं रहा!

"Coated" Compliment

Never quote without adequate knowledge of the context! 

One of my friends wanted to impress a girl whose face looked charming to him. He searched for a literary quote to pay a compliment to her. The girl happened to be interested in literature. 

He sent a note to her quoting from none other than Alexander Pope:

"If to her share some female errors fall, 
Look on her face, and you'll forget them all."

Guess what happened after that!

क्या आपके साथ अक्सर ऐसा होता है?

क्या आपके साथ अक्सर ऐसा होता है?

आप सुबह कपड़ों की अलमारी के सामने खड़े हैं और सोच रहे हैं कि क्या पहना जाए. कुछ समझ में नहीं आता.

इस सम्बन्ध में मेरा एक सुझाव है.

आप 'अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो' या 'ईना मीना मायना मो' वाला फ़ार्मूला अपना सकते हैं और इस दुविधा से मुक्ति पा सकते हैं!

लेकिन.....

एक बहुत ज़रूरी बात!

यह प्रक्रिया कभी भूल कर भी मतदान के समय न अपनाएँ!