दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
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गुरुवार, 15 मई 2014
झूठ के पाँव ....
झूठ के पाँव नहीं होते!
पंख होते हैं!
तभी तो वह इतनी तेज़ी से दूर-दूर तक पहुँच जाता है!
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