पहले हमें शिकायत रहती थी कि नेता अच्छी बातें बोलते हैं लेकिन उन पर आचरण नहीं करते।
अब समस्या यह है कि वे अच्छी बातें बोलना भी भूल गये हैं।
इतना ज़रूर है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर अब नहीं रहा!
अब समस्या यह है कि वे अच्छी बातें बोलना भी भूल गये हैं।
इतना ज़रूर है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर अब नहीं रहा!
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (15-04-2014) को "खामोशियों की सतह पर" (चर्चा मंच-1574) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सच ...
आभारी हूँ!
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