गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

शब्दों का खेल

एक फूल के आगे फल है
दोनों मिल कर बने मिठाई .
है 'गुलाब-जामुन' वह काला
गोरे रसगुल्ले का भाई .

जो फँस जाता वह 'शिकार' है,
तैरे जल के बीच 'शिकारा' .
निकले जिस से धुन 'सितार' है,
चमके नभ के बीच 'सितारा' .

क्यों हम 'हार' नहीं पहनाते
उसको, जो चुनाव में 'हारा' ?
इस गड़बड़ घोटाले में है
यह भी एक सवाल हमारा !

3 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बहुत खूब..बढ़िया शब्दों का खेल...अच्छा लगा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

रचना रचनात्मक है!

Alpana Verma ने कहा…

ऐसे सवाल कभी सोचे नहीं!
वास्तव में सब एक पंक्ति में चले जा रहे हैं..आँखें मून्दे एक पीछे एक!