बारिश आने ही वाली है .
तपी हुई थी धरती ऐसे
तवा आग पर रक्खा जैसे
तभी हवा का झोंका आया
चला किधर से? आया कैसे?
वह देखो तो आसमान पर
घिर आयी बदली काली है .
गर्मी का इलाज करने को
मन की बेचैनी हरने को
बादल के रथ पर आयी है
खेतों में पानी भरने को .
पेड़ झूमते हाथ हिलाते
झुकी हुई डाली-डाली है .
बारिश आने ही वाली है !
5 टिप्पणियां:
बारिश आने का शुभ सन्देश...अच्छा लगा ...
आईये जानें .... मन क्या है!
आचार्य जी
सुंदर रचना
सुंदर रचना
आनन्द आया रचना पढ़कर.
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