रविवार, 6 जून 2010

बारिश आने ही वाली है

बारिश आने ही वाली है .

तपी हुई थी धरती ऐसे
तवा आग पर रक्खा जैसे
तभी हवा का झोंका आया
चला किधर से? आया कैसे?

वह देखो तो आसमान पर
घिर आयी बदली काली है .

गर्मी का इलाज करने को
मन की बेचैनी हरने को
बादल के रथ पर आयी है
खेतों में पानी भरने को .

पेड़ झूमते हाथ हिलाते
झुकी हुई डाली-डाली है .

बारिश आने ही वाली है !

5 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बारिश आने का शुभ सन्देश...अच्छा लगा ...

आचार्य उदय ने कहा…

आईये जानें .... मन क्या है!

आचार्य जी

Jandunia ने कहा…

सुंदर रचना

Jandunia ने कहा…

सुंदर रचना

Udan Tashtari ने कहा…

आनन्द आया रचना पढ़कर.