दोस्तो, इधर एक लोकप्रिय हिंदी अखबार दो-तीन दिन तक 'गणतंत्र दिवस की तैयारियों' की रंगीन तस्वीरें छापता रहा!
क्या कहा आपने? सब चलता है?
अखबार के हिसाब से, मुसलमान भाई नमाज़ 'अता' करते हैं और सड़क पर चलते वाहन 'खड्डे' की बजाय 'खदानों' में गिर जाते हैं!
अभी मेरी समझ में आया कि हिंदी अखबारों के पत्रकार अर्थ का अनर्थ क्यों करते होंगे.
दरअसल, प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कहा जाता है कि 'अर्थ-लोभी' अपराधियों के काले कारनामों को unearth करें!
अंग्रेज़ी और हिंदी में ज़्यादा फ़र्क तो वैसे भी अब रहा नहीं. मेरा मतलब है, जहाँ तक 'हिंदी' अखबारों का सवाल है! वे तो बस, देवनागरी लिपि में अंग्रेज़ी के अखबार बन गये हैं!
क्या कहा आपने? सब चलता है?
अखबार के हिसाब से, मुसलमान भाई नमाज़ 'अता' करते हैं और सड़क पर चलते वाहन 'खड्डे' की बजाय 'खदानों' में गिर जाते हैं!
अभी मेरी समझ में आया कि हिंदी अखबारों के पत्रकार अर्थ का अनर्थ क्यों करते होंगे.
दरअसल, प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कहा जाता है कि 'अर्थ-लोभी' अपराधियों के काले कारनामों को unearth करें!
अंग्रेज़ी और हिंदी में ज़्यादा फ़र्क तो वैसे भी अब रहा नहीं. मेरा मतलब है, जहाँ तक 'हिंदी' अखबारों का सवाल है! वे तो बस, देवनागरी लिपि में अंग्रेज़ी के अखबार बन गये हैं!
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