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गुरुवार, 7 मई 2009
दो हज़ार पंद्रह
सन् दो हज़ार पंद्रह में जब भारत की धरती पर प्रभु ने दर्शन दिये किसी को पूजा से खुश हो कर, बोले-- "जो भी कार चाहिए, तुम बस 'ब्रैंड' बताओ लेकिन पहले मुझको कोई ख़ाली सड़क दिखाओ !"
2 टिप्पणियां:
उम्दा व्यंग
यथार्थ!
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