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सोमवार, 11 मई 2009
बाज़ार प्यास का
तपिश बढ़ गयी, गर्मी के दिन आने वाले कमर कस रहे शीतल पेय बनाने वाले । है बाज़ार प्यास का और मुनाफ़ा भारी । होड़ लगी, भिड़ने की है पूरी तैयारी । ऐसे में "पानी-पानी" करते अज्ञानी । इस नादानी पर होते हम पानी-पानी !
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