हम भी कुछ अनजान नहीं हैं ।
"कितना भी समझा लो, लेकिन
बच्चे सुनते नहीं किसी की"--
यही शिकायत होती है ना
हम सब के पापा-मम्मी की ?
खुद कब सुनते हैं, बोलो,
क्या हम उनकी संतान नहीं हैं ?
पढने लिखने की तो हम को
देते हैं दिन-रात हिदायत ।
अगर कभी हम टी वी देखें
तो होती हैंखूब शिकायत ।
कुछ तो सोचो, भला हमारी
आँख नहीं हैं, कान नहीं हैं ?
हम भी कुछ अनजान नहीं हैं !
1 टिप्पणी:
bachhon ke antarman ko khuub samaghte hain , sir , superb.
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