पक कर सेब गिरा डाली से
आया नीचे धरती पर ।
"ऐसा क्यों होता है आख़िर?"
न्यूटन ने माँगा उत्तर ।
क्यों कैसे कब क्या और किसका
किसको कहाँ ज़रूरी है ।
नासमझी और सच्चाई में
केवल इतनी दूरी है ।
देखो और सवाल उठाओ
सोचो क्या उत्तर होगा ।
तभी समस्याएं सुलझेंगी,
यह जीवन सुंदर होगा ।
1 टिप्पणी:
बहुत जरूरी सवाल उठाया है आपने..सवालों के बारे मे..मुझे लगता है कि हमारी वर्तमान संस्कृति मे सवाल पूछने की उतनी अहमियत नही है जितनी होनी चाहिये..वरना सेब तो यहाँ भी गिरा करते हैं.हमेशा से...सुन्दर कविता!
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