दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
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गुरुवार, 18 जुलाई 2013
श्रेय में हिस्सेदारी
आखिरकार सुबह हुई, तो वाटिका में फूल खिल उठे; परिंदे चहचहाने लगे.
बहुत कृपा हुई मुर्गे की, जिसने बांग दी थी.
और सूर्य देवता?
हाँ, उन्हें भी धन्यवाद है!
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