दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
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शुक्रवार, 24 जनवरी 2014
एक दृश्य एक एहसास: तादात्म्य
साँस लेता हुआ
-
सा वातावरण
अनजाने
,
अनदेखे
,
निःस्वर
मेरी साँसों में घुल
-
मिल कर
होता एकाकार
?
अथवा
मैं ही धीरे
-
धीरे
मिट
-
मिट कर
इस दृश्य
-
फलक पर
बनता जाता हूँ संसार
?
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