शुक्रवार, 11 सितंबर 2009

ऐसा क्यों होता है कि....

अगर अंग्रेज़ी का अध्यापक हिन्दी में हस्ताक्षर करे, तो सब चकित हो कर पूछते हैं , "क्यों?" पर हिन्दी का अध्यापक अगर अंग्रेज़ी में हस्ताक्षर करे, तो कोई चकित नहीं होता ? शायद हिन्दी में हस्ताक्षर करना वैसा ही है, जैसा अंगूठा लगाना । हिन्दी दिवस पर ज़रा विचार करें ।

1 टिप्पणी:

Mithilesh dubey ने कहा…

आपने बहुत ही सार्थक मुद्दा उठाया है। मुझे नहीं लगता कि इसका जवाब किसी के पास वर्तमान समय में होगा। हिन्दी साहित्य और हिन्दी विकास के लिए प्रयास करता मेरे द्वारा सचांलित ब्लोग जरुर देखें। आभार...

http://mithileshdubey.blogspot.com

http://hindisahityamanch.blogspot.com