शुक्रवार, 6 मार्च 2009

घटनाओं से इतर चीज़ें

घटनाओं से इतर जो चीज़ें हैं
उनके लिए स्थान और समय
तय कर पाना संभव नहीं रहा।
घटनाएँ हर जगह दनादन घुसी आती हैं
घटनाओं से इतर चीज़ें
सन्न रह जाती हैं।
घटनाएँ खुल कर घटती हैं
और घटनाओं से इतर चीज़ें
घटती चली जाती हैं
मिटने लग जाती हैं।
ऐसी सब चीज़ें अखबारों से बाहर हैं
टी वी से बेघर हैं।
घर में बाज़ारों में
सड़कों-चौराहों पर
कोनों में दुबकी हैं
घटनाओं से इतर चीज़ें।
ये सारी चीज़ें यदि गुम भी हो जायेंगी
तो भी अखबारों में स्थान नहीं पाएंगी।
ऐसा हो जाने पर
हर ओर केवल
घटनाएँ रह जायेंगी!

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