रविवार, 29 मार्च 2009

आम

बोलो, आम किस तरह खाएँ ?


अगर चूसने लगें इन्हें तो

बह निकलेगी रस की धारा।

दाग़ लगे कपड़ों पर तो चढ़

जाता है मम्मी का पारा।


यही सोचते रहते हैं हम

कपड़ों को किस तरह बचाएँ ?


अगर काट लें चाकू से तो

शायद मुश्किल हल हो जाए।

मगर अटक जायेगी गुठली

कौन चूस कर उसको खाए ?


आम सामने हैं लेकिन हम

देख रहे हैं दायें-बाएँ।


बोलो, आम किस तरह खाएँ ?



2 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

किसी श्रृंगारिक से पून्छेंगें तो वह आपको आम कैसे खाएं -चूस के या काट के बता देगा -क्योंकि आम की तुलना रूपाकार के लिहाज से जिस चीज से है बस उसी की तरह इसका सेवन करें ! आम्र दिवस नजदीक आ रहा है -शुभकामनायें !

संगीता पुरी ने कहा…

इतना मुश्किल है आम खाना ... मुझे तो मालूम न था ... बहुत बढिया लिखा है।