गुरुवार, 12 मार्च 2009

काश !

सूखी मात्र त्वचा होती, ज़िन्दगी नहीं
और छेद बस दांतों में बनते, बाबा !
अच्छा होता, अगर हमारे जीवन में
दाग़ सिर्फ़ कपड़ों पर ही लगते, बाबा !

1 टिप्पणी:

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

अच्छा होता, अगर हमारे जीवन में
दाग़ सिर्फ़ कपड़ों पर ही लगते, बाबा !

Sach kahaa...
bahoot khoob.