सोमवार, 13 अप्रैल 2009

पाँच छुट्टियाँ

पाँच छुट्टियाँ एक साथ थीं, काम बंद था
था बिल्कुल संयोग मगर हमको पसंद था
यही पूछते थे बाबू, अफ़सर, दारोगा--
'अगली बार बताओ ऐसा फिर कब होगा ?'

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