शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

नेता उवाच

कुर्सी के चारों ओर नाच
बेदम हो कर नेता उवाच
फिर शुरू हुआ संघर्ष सुनो
आया चुनाव का वर्ष सुनो
संधान कोई तो बाण करो
बेहतर छवि का निर्माण करो
खोजो खोजो कुछ जनाधार
या झूठा-सच्चा हो प्रचार
लेकिन 'दधीचि' का यही तर्क
प्यारे वोटर, रहना सतर्क !

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