मम्मी, आज नाश्ते में मैं
गरम पराठे खाऊंगा ।
उसके बाद गिलास दूध का
गट-गट-गट पी जाऊंगा ।
रोज़ सवेरे जल्दी-जल्दी
होना पड़ता है तैयार ।
छह दिन तक ऐसा होता है
तब जा कर आता रविवार ।
छुट्टी के दिन तो मत रोको
हँसने और हँसाने से ।
सफल आज की छुट्टी होगी
गरम पराठे खाने से !
2 टिप्पणियां:
सही है साहेब!! मनाईये पराठों के साथ छुट्टी रविवार की. उम्दा!!
बच्चों के मनोभाव को लेकर लिखी गयी अच्छी रचना ... बहुत बढिया।
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