सोमवार, 20 अप्रैल 2009

गरम पराठे

मम्मी, आज नाश्ते में मैं
गरम पराठे खाऊंगा ।
उसके बाद गिलास दूध का
गट-गट-गट पी जाऊंगा ।

रोज़ सवेरे जल्दी-जल्दी
होना पड़ता है तैयार ।
छह दिन तक ऐसा होता है
तब जा कर आता रविवार ।

छुट्टी के दिन तो मत रोको
हँसने और हँसाने से ।
सफल आज की छुट्टी होगी
गरम पराठे खाने से !

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

सही है साहेब!! मनाईये पराठों के साथ छुट्टी रविवार की. उम्दा!!

संगीता पुरी ने कहा…

बच्‍चों के मनोभाव को लेकर लिखी गयी अच्‍छी रचना ... बहुत बढिया।